शुद्ध भूतनिर्लिप्त चैतन्य का साक्षात् ज्ञान हमें नहीं हो सकता पर उसका
2.
भारतीय परंपरा के अनुसार मनुष्य को परम सत्ता का साक्षात् ज्ञान हो सकता है।
3.
भारतीय परंपरा के अनुसार मनुष्य को परम सत्ता का साक्षात् ज्ञान हो सकता है।
4.
भारतीय परंपरा के अनुसार मनुष्य को परम सत्ता का साक्षात् ज्ञान हो सकता है।
5.
ऐसा भी माना जाता है कि वे एक व्यक्ति नहीं वरन् साक्षात् ज्ञान स्वरूप थे ।
6.
देना शायद पाने का बस जीवंत सा अभिनय है, अनजान सहज बन विस्मित होना साक्षात् ज्ञान परिचय है...
7.
उत्तर: कबीर के दोहों को साखी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें श्रोता को गवाह बनाकर साक्षात् ज्ञान दिया गया है।
8.
@@@@@@@@ आपका लेखन सदैव उच्च कोटि का होता है | हम तो आपकी कक्षा में आपके द्वारा साक्षात् ज्ञान लेने वाले भाग्यशाली शिष्य हैं | आपका आशीर्वाद ऐसे ही मिलता रहे |
9.
सूर्य की स्थिति, गति आदि का साक्षात् ज्ञान हो जाने पर उन नक्षत्र, ग्रह आदि एवं उनकी गति, स्थिति का भी ज्ञान होजाता है, जिनकी गति, स्थिति आदि सूर्य की गति, स्थिति आदि पर अवलम्बित है || 26 ||